स्वतंत्रता विद्रोह नहीं है, क्रांति है।
क्रांति की बात ही अलग है। क्रांति का अर्थ है: दूसरे से कोई प्रयोजन नहीं है। हम किसी के विरोध में स्वतंत्र नहीं हो रहे हैं। क्योंकि विरोध में हम स्वतंत्र होंगे, तो वह स्वच्छंदता हो जाएगी। हम दूसरे से मुक्त हो रहे हैं--न उससे हमें विरोध है, न हमें उसका अनुगमन है। न हम उसके शत्रु हैं, न हम उसके मित्र हैं--हम उससे मुक्त हो रहे हैं। और यह मुक्ति, ‘पर’ से मुक्ति, जिस ऊर्जा को जन्म देती है, जिस डाइमेन्शन को, जिस दिशा को खोल देती है, उसका नाम स्वतंत्रता है।
ओशो
पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:
पल-पल, मोमेंट टु मोमेंट जीने का सूत्र
मनुष्य होने की पहली शुरुआत भीड़ से मुक्ति है
शास्त्र और किताब में फर्क क्या है?
धर्म आत्मा का विज्ञान है
प्रेम का जीवन ही सृजनात्मक जीवन है
प्रवचन 1: सत्य का द्वार
प्रवचन 2: पुराने का विसर्जन, नये का जन्म
प्रवचन 3: मौन का स्वर
प्रवचन 4: ध्यान की आंख
प्रवचन 5: क्रांति का क्षण
प्रवचन 6: जीवन का आविर्भाव
प्रवचन 7: सत्य का संगीत
प्रवचन 8: सृजन का सूत्र
प्रवचन 9: काम का रूपांतरण
प्रवचन 10: बस एक कदम